वर्षा के दिन आये हैं
आकाश मे बादल छाये है
धरती पर हरियाली छाई हैं
हर कली कली मुस्काई हैं
आकाश से बुन्दे गिरती हैं
धरती आचल मे भरती हैं
सबके मन को लुभाने लगे
एक बार जो बर्षा आ जाये
ये बादल बरस जरा
धरती की प्यास अभी बाकी
थोड़ा पानी देकर केवल
और प्यास बढ़ा दी
अगर दोगे कुछ इसको तुम
कुछ देगी तुमको धरती
बारह महीने ए बादल
इंतज़ार करती धरती
आकाश मे बादल छाये है
धरती पर हरियाली छाई हैं
हर कली कली मुस्काई हैं
आकाश से बुन्दे गिरती हैं
धरती आचल मे भरती हैं
सबके मन को लुभाने लगे
एक बार जो बर्षा आ जाये
ये बादल बरस जरा
धरती की प्यास अभी बाकी
थोड़ा पानी देकर केवल
और प्यास बढ़ा दी
अगर दोगे कुछ इसको तुम
कुछ देगी तुमको धरती
बारह महीने ए बादल
इंतज़ार करती धरती