वर्षा के दिन आये हैं-Hindi kavita

वर्षा के दिन आये हैं
आकाश मे बादल छाये है
धरती पर हरियाली छाई हैं
हर कली कली मुस्काई हैं
आकाश से बुन्दे गिरती हैं
धरती आचल मे भरती हैं
सबके मन को लुभाने लगे
एक बार जो बर्षा आ जाये
ये बादल बरस जरा
धरती की प्यास अभी बाकी
थोड़ा पानी देकर केवल
और प्यास बढ़ा दी
अगर दोगे कुछ इसको तुम
कुछ देगी तुमको धरती
बारह महीने ए बादल
इंतज़ार करती धरती

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