अपने वादों पर खरा उतरने लगी है मेरे तन्हा जिंदगी में खुशियों का रंग भरने लगी है मैं खुशनसीब हूं मुझे बेतहाशा प्यार करने लगी है तकदीर ख्वाहिशों की तरह बदलने लगी है
पहली बार मोहब्बत की दहलीज पर कदम रखा हूं जो प्यार का आशियाना मिल जाएगा जिंदगी की कमियों से निजात मिल जाएगा जहां तन्हाइयों का रेला रहता है वहां खुशियों का फूल खिल जाएगा
तुम जान हो इसका एहसास होने लगा है मुलाकात हो जाए दिल की बात हो जाए इंतजार रहने लगा है दूर रहकर कहीं मन नहीं लगता है मुझे प्यार होने लगा है
जो बेवजह रूठ जाने की फितरत है मुझे इसी अदा से मोहब्बत है हर रोज यूं ही अपने प्यार का मीठा जहर देती रहो मैं उम्र भर मनाता रहूं