हिंदी शायरी, लव शायरी, शायरी संग्रह
रिश्तो से भरोसा उठ जाएगा अगर शक की दीवारें नहीं तोड़ोगे अपनों का प्यार भूल जाना पड़ेगा घर को बर्बाद करने लगी है गलतफहमियां
तुमसे बेपनाह मोहब्बत करने लगा हूं उम्र भर करीब रहने का इंतजाम करने लगा हूं यह हकीकत है दूर न रह पाऊंगा दूर रहना पड़ा तो बेजान हो जाऊंगा
तुम जिंदगी बन गई हो तुम्हारे बिना सांसे रुक जाएंगी जो प्यार मिल गया सच कह रहा हूं किस्मत बदल जाएगी
हर लम्हा याद करने लगा हूं बेतहाशा मोहब्बत करने लगा हूं लगाव इस तरह हो गया है तुमसे जिंदगी की सभी ख्वाहिशें सजने लगी है
झूठी मुस्कान में गम छुपाने की कोशिश करने लगी हो दर्द सह कर खुशी देने लगी हो तुम्हारी सादगी का उम्र भर कर्जदार रह जाऊंगा प्यार इतना दिया है एहसान की कीमत चुकता न कर पाऊंगा