Hindi shayari | Love shayari | shayari Sangrah

वो रात रात भर प्यार की बातें हर रोज की मुलाकातें एक झटके में न जाने कहां खो गई उम्र भर साथ देने का वादा करके सच कह रहा हूं यारो बेवफा हो गई

दर्दे दिल की दवा ढूंढते रह गए वो ठोकर पर ठोकर लगती रही जिसे दिलो जान से इश्क करता रहा हर मौके पर चुना लगती रही

भरोसा ना तोड़ो बिखर जाएंगे जिंदगी के सफर में उलझ जाएंगे साथ पाने की ख्वाहिश है अपने चरम पर दूर रहना पड़ा तो उजड़ जाएंगे

पहली दफा इश्क होने लगा है चैन व सुकून खोने लगा है अब अकेले गुजर ना हो पाएगा ऐसा हर पल महसूस होने लगा है

इस दिल की हकीकत छुपाने लगा हूं इजहार करने में बहुत कशमकश है आंखें बस उसे ही देखे जा रही हैं आजकल इशारों इशारों में प्यार जताने लगा हूं

मैं होने लगा हूं दीवाना तेरी अदाओं पर मारा गया हूं

न मुलाकात होती है न बात होती है इस्तीफा से कभी मिलन हो भी गया तो केवल तकरार होती है

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