Love shero shayari in hindi
इजहार ए मोहब्बत मेरे तरफ से हुई वो काट कर गई तो उसका क्या कसूर है क्या बताऊं यारो आशिकी में मेरा आजकल दिल कितना मजबूर है
निगाहें तलाश करती रही अपने ख्वाहिशों का आशियाना मैं फिरता रहा उसके इश्क में बनके दीवाना मुझे बाद में मालूम हुआ वो लूटा रही है किसी और पर अपने हुस्न का खजाना
दौलत भी मिलेगी और शोहरत भी मिलेगी अपने हुनर को पहचानो तो सही हालत मजबूरी का रोना बंद कर दो बस कुछ दिन में मुकद्दर बदल जाएगी
अपनी चाहतों की फरियाद अब हम नहीं करते क्योंकि इश्क की गलियों में अब हम नहीं रहते