हिंदी शेरो शायरी
अपनी चाहतों की फरियाद अब हम नहीं करते क्योंकि इश्क की गलियों में अब हम नहीं रहते
जिंदगी में जहर घोलने लगी हो हर बातें तीखी बोलने लगी हो वो प्यार मोहब्बत कहां खो गए मेरी अहमियत पैसों से तौलने लगी हो
अपनी गलतियों पर दोषी ठहराती हो प्यार करता हूं इसका नाजायज फायदा उठाती हो मेरे हुनर की कोई कद्र नहीं है और अपने आप को बहुत बड़ी प्रतिभावान बताती हो
उसके पीछे भाग कर सब कुछ बर्बाद हो गया पाने की चाहत हमेशा के लिए ख्वाब हो गया हर कदम वफा करके मेरी जान निकल गई और वो कहती है बाबू मुझे भूल जाओ अब मेरा कहीं और मुकाम हो गया
इश्क करना सतर्क रह के क्या पता कब वह काट के निकाल जाए
सर पर चढ़ आओगे तो चढ़ जाएगी फिर बाद में मुसीबत बन जाएगी
खुद को समझाया बहुत उसकी ओर न जाया करो दिल सुनता नहीं है मेरे बात को
घुटने लगा हूं आजकल तन्हाई सताती है वो अपने यार के संग रंगरलियां मनाती है