Tumhari Baaton Mein Mithaas chahta hun, New Hindi Shayari, हिंदी शायरी, shayari sangrah

तुम्हारी बातों में मीठास चाहता हूं तीखी तल्ख़ियां नहीं प्यार चाहता हूं वह दिन कहां खो गए जब एक दूजे को पाने के लिए बेचैन थे अपनी आदत सुधार लो जो ख्वाब देखा था अपनी ख्वाहिशों के अच्छे दिन चाहता हूं

तुम्हारी मीठी मीठी बातों की लत लग गई है इसीलिए मुलाकात को बेचैन रहता हूं मेरे रूह में कुछ इस तरह उतर गई हो अपनी किस्मत बदलने का ख्वाब देखने लगा हूं

उसने इंकार में भी प्यार का इजहार कर दिया कुछ इस तरह से मिलने लगी है मुझे पक्का विश्वास हो गया है मेरी मोहब्बत को स्वीकार कर लिया ख्वाबों खयालों में डूबा रहता हूं सही लड़की से आंखें चार कर लिया है

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