Hindi shayari || Shayari Sangrah || Love shayari
आंखों से दिल की बात कहने की कोशिश कर रहा हूं तुम बहुत नासमझ हो समझती नहीं हो यही हाल जो रहा अधूरी ख्वाहिश लिए भटकना पड़ेगा तुम्हें इस तरह पसंद कर लिया है उम्र भर एकतरफा प्यार की आग में जलना पड़ेगा
वह चुप रहकर भी सवाल करती रही मैं चुप रहकर भी जवाब देता रहा उसकी प्यारी सी मुस्कान से अपने दिल को भिगोता रहा उस हसी लम्हे को खोना नहीं चाहता हूं जो जन्नत सी जिंदगी जीता रहा
बाबू सोना कहकर कुछ इस तरह फुसलाती रही दिल के साथ दौलत भी चुराती रही हकीकत जानकर दिल पर सदमा लगा है आज देखा गया है किसी और के साथ गुलछर्रे उड़ाती रही
संबंध खत्म करने की बात करने लगी हो संग रहकर जो दिल पर प्यार का असर हो गया है इसको बताओ पलट दोगी कैसे मैंने माना तुम्हारी मजबूरियां बहुत है मगर तुम्हारे बगैर मेरी जिंदगी सच कह रहा हूं अब कुछ भी नहीं है
पहली मुलाकात में ही मुझको हजारों ख्वाब दे गई जैसे बिछड़े हुए राही को मंजिल का पता खुशियों को शबाब दे गई उसके इश्क में पागल हुए जा रहा हूं जिंदगी के उलझे हुए सवालों का जवाब दे गई
मेरी ख्वाहिशों को न पूरा किए हो जब भी किए हो अधूरा किए हो यही कारण है मेरे नाराजगी का तुम्हें काम अच्छे से करना आता नहीं है
इश्क का खुमार ऐसा चढ़ा तुम्हें अपनी मुकद्दर समझने का भूल कर बैठा आज पछताने लगा हूं अपनी बर्बादी का जश्न देखकर वह बेवफा हो गई है वफा तोड़कर
आजकल इशारों में बात करने लगी है प्यार बनकर रूह में उतरने लगी है लगता है जिंदगी बदल जाएगी हर मंजर से खुशियों की आहट मिलने लगी है
कब तक हकीकत से नजर चुराओगे एक दिन राज से पर्दा हट जाएगा स्वीकार कर लोगे अगर अपनी खता झूठ के बोझ से छुटकारा मिल जाएगा
अपनी मुस्कुराहट से मोहब्बत का वादा किया है अकेले में मिलने का इशारा किया है जिंदगी में खुशियों का माहौल है तकदीर ने सही वक्त पर सहारा दिया है