Hindi shayari | shayari sangrah
तुम्हारे इरादों में वादों को पूरा करने का जुनून है मन के सादगी से रूबरू हो गया हूं अब दिल में सुकून है मेरे रूह में सफर कुछ इस तरह करने लगी हो मैं जन्नत का ख्वाब देखने लगा हूं
जबसे मोहब्बत हो गई है दिल में करार नहीं रहता है बेकरारी इस तरह सताने लगी है मुलाकात को बेचैन रहने लगा हूं
बेवजह रूठ जाना उसके आदतों में शामिल है शिकवे गिले मिटाने की कोशिश हर वक्त करता रहता हूं यूं ही जिंदगी की कश्ती किनारों तक जाएगी
मीठी मीठी बातों से मेरे मन का करार छल रही है मुझे अपना बनाने का नया-नया जुगाड़ कर रही है धीरे-धीरे बेशुमार इश्क होने लगा है दूर रहना अब मुमकिन नहीं है
तुम्हारी खूबसूरत अदाओं पर दिल हार गया हूं मेरे मन के एहसासों में अपनी मोहब्बत का रस कुछ इस तरह खोल रही हो अब खुशियों की महफिल हर रोज सजेगी