गुणकारी बातों का सृजन करने लगा हूं सफलता की राहों पर अग्रसर होने लगा हूं सभी मुश्किलें दूर होने लगी है दृढ़ हौसलों से आसमान छूने लगा हूं
KAVITA SANGRAH-मेरे टूटे अरमानों में
मेरे टूटे अरमानों में खुशियां लेकर आई हो बिखर गए थे मेरे भाग्य जगाने आई हो मन के सन्नाटे में चहल-पहल लेकर आई हो
कविता संग्रह-मन की अभिलाषा
मन की अभिलाषा पढ़ लिखकर गुणवान बने मुझमें ऐसा संस्कार हो महान बने अपने आत्मानुशासन से अच्छे काम करें मन की अभिलाषा पढ़ लिखकर गुणवान बने