हिंदी कविता, जो इंसान सच्चा है अपने कर्तव्य से नहीं हटेगा चाहे कोई मुश्किल हो हकीकत पर डटा रहेगा संस्कार से हर जन की कश्ती साहिल तक जाएगी सबके उम्मीदों का उदय होगा उदासी मिट जाएगी
सबको अपना हक मिले कोई अपने अधिकार से न वंचित हो यह हर मन के अंदर संचित हो इंसानियत अपने कर्तव्य पर कायम हो