जाड़ा गर्मी हो या फिर बरसात
ये मौसम अनोखे होते है
ये है प्रकृति की अमूल्य धराये
ये कितने अच्छे होते है
हरे-भरे पेड़ पौधे अनमोल
स्वक्छ हवा मिलती है
फल भी हमको देते है
रंग बिरंगे फूल खिलकर
बग़िया महका देते है है
ये कितने अच्छे होते है
प्रातः काल सूर्य की किरणे
मीठी-मीठी प्यारी-प्यारी धुप लिए
धरती पर जब आते है
हर सजीव प्राणी के मन में
नई आशा की किरण जगाते है
ये मौसम अनोखे होते है
ये है प्रकृति की अमूल्य धराये
ये कितने अच्छे होते है
हरे-भरे पेड़ पौधे अनमोल
स्वक्छ हवा मिलती है
फल भी हमको देते है
रंग बिरंगे फूल खिलकर
बग़िया महका देते है है
ये कितने अच्छे होते है
प्रातः काल सूर्य की किरणे
मीठी-मीठी प्यारी-प्यारी धुप लिए
धरती पर जब आते है
हर सजीव प्राणी के मन में
नई आशा की किरण जगाते है