1. तिरछी निगाहों से इश्क का जाल बिछाने लगी है, अपनी अदाओं से मुझको फसाने लगी है। मैं उसकी ओर खींचें जा रहा हूं, आजकल मुझे जन्नत का ख्वाब दिखाने लगी हैं।
2. सच कहूं, तो मैं बहकने लगा हूं, बेहद इश्क करने लगा हूं। उसके बिना अब गुजारा नहीं है, मैं चाहतों की गहराई में उतरने लगा हूं।
3. मेरी चाहतों का सफर अब रुकेगा नहीं, उसे पाने की कोशिश लगातार जारी है। हर लम्हा खुमार ऐसा चढ़ रहा है, अब अकेले गुजर संभव नहीं है।
4. प्यार है, तो कह दो, छुपाने की जरूरत क्या है? मोहब्बत करोगी, तो समझ आएगा, मोहब्बत क्या है?
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