1. मैं उस बेवफा की खबर नहीं लेता हूं ,अब और दिल जलाने की जरूरत क्या है? मुझे समझ आ गया है, मोहब्बत की हकीकत क्या है?
2. जब उसे कोई और पसंद आ जाएगा, वो जाएगी रोक नहीं पाओगे। दिल पर पत्थर रखना ही पड़ेगा, अपनी वफा, सादगी, मासूमियत, अच्छाई, इज्जत बचाने के लिए, अपनी चाहतों को संतोष की चादर से खुद को ढकना ही पड़ेगा।
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