Hindi shayari
मतलबी लोग थे जो अपना स्वार्थ पूरा करके निकल गए मेरा भरोसा तोड़कर निकल गए वफा करने में कोई कसर नहीं छोड़ा मगर साथ छोड़कर निकल गएउसको हर कदम परखने लगा हूं पहले से ज्यादा समझने लगा हूं यकीन हो गया है उसके जैसा वफादार कोई मिल नहीं सकता यूं ही नहीं प्यार पाने को हर पल तरसने लगा हूं
हम दोनों के बीच लगाव बढ़ रहा है एक दूजे से मिलन की बेकरारी रहती है मोहब्बत परवान चढ़ने लगी है अब ए बात हर धड़कन कहती है
वो मेरे दिल को चुराने लगी है मिलन और नजदीकियां बढ़ाने लगी है अब हर तमन्ना पूरी हो जाएगी हर मंजर से ऐसी आहट आने लगी है
मैंने हजारों ख्वाब देख रखा है मेहनत से मुकद्दर बदलना है ठान रखा है वो बेहतर है मेरे लिए बड़ी गहराई से उसके दिल की हकीकत को जान रखा है
बातों बातों में मन का करार लूटने लगी हो मेरे दिल की गहराइयों में उतरने लगी हो अकेले गुजारा मुश्किल हो गया है महसूस हो रहा है मेरी रूह बेतहाशा प्यार करने लगी हो
अपने गम को जमाने से छुपा कर जीते हैं तन्हाई का जहर मुस्कुरा कर पीते हैं मुझे परिस्थितियों ने कुछ यूं मजबूर कर दिया आजकल अपनी ही चीज को अपना ना समझ कर खोते हैं
जिंदगी के फसाने में उलझन भी जरूरी था अपनी हाल परिस्थितियों को समझना भी जरूरी था मुश्किल भरी जिंदगी से पूरी तरह टूट कर बिखर गया हूं मगर हर हाल में संभलना भी जरूरी था