Hindi shayari|Love shayari
जिंदगी की तलाश में निकला हूं अपने सुकून की तलाश में निकला हूं हर मंजर जिंदगी की हकीकत पहचानने में लगा हूं सामाजिक कशमकश में बहुत असमंजस है मगर कुछ अच्छा महसूस होने लगा है अब सही रास्ते पर निकला हूं
उसे पाने की कोशिश नाकाम हो गई बेवफाई ऐसे मोड़ पर किया जिंदगी बर्बाद हो गई मैं तरस गया जरा सा प्यार के लिए वो किसी और के संग घर बसा के आबाद हो गई
उसे पाने की तलब कुछ इस तरह लगी है उसके बिना जीना गवारा लगता नहीं है हर पल ख्वाबों खयालों में रहती है अब उसके बगैर कहीं मन लगता नहीं है
उसको पाने की तलाश में खोते चले गए कुछ गलतियां हमारी भी थी जिसे सोचकर पल दो पल रोते चले गए सच तो ये है मोहब्बत के सारे गम आंसुओं से धोते चले गए
मैं मुस्कुराने की वजह ढूंढने में रह गया तकदीर बदलने की आस में रह गया जिसे टूट कर चाहा उम्र भर वो मेरे ख्वाब में रह गया
साथ निभाना का भरोसा दो फिर इस दीवाने की दरियादिली ही देख पाओगी तुम्हें हो जाएगी मोहब्बत इतना इस जन्म तो क्या अगले जन्म तक ना भूल पाओगी