मोहब्बत है तो इजहार कर दो इधर उधर की बातों में उलझाना छोड़ दो बेतहाशा इश्क करने लगा हूं एक पल भी तुम्हारे बिना जीना दुश्वार हो गया है अब अपने दीवाने को सताना छोड़ दो
तनहाई में दिन गुजारना मुश्किल हो गया है प्यार का सहारा चाहता हूं मझधार में फंसी जिंदगी को किनारा मिल जाए अब हमसफर के लिए भटकना नहीं चाहता हूं उम्र भर के लिए प्रीत की डोर में बंध जाना चाहता हूं
जिंदगी में खुशियों का रंग भर दो अब मुश्किलों को झेल पाना आसान नहीं है तुम्हारे वादो में हजारों ख्वाब देख रखे हैं अधूरी ख्वाहिशों को पूरा कर दो तनहाई में जी रहा हूं आजकल मेरी रूह में मुस्कान नहीं है
तुमसे मोहब्बत हो गई है अपनी ख्वाहिशों का इजहार करना चाहता हूं मीठी बातों ने दिल पर कुछ इस तरह असर कर दिया है यादों में खोया खोया सा रहने लगा हूं तुम्हारे बिना जिंदगी वीरान लगती है बेतहाशा प्यार करने लगा हूं
आजकल मुस्कुराकर मीठी मीठी बातें करने लगी है अपनी अदाओं से मन का करार छलने लगी है उसकी ओर हर दिन खींचे जा रहा हूं लग रहा है मुझको इश्क हो गया है यादों में हर लम्हा जीने लगा हूं
तुम्हारा प्यार मिल जाए मैं जिंदगी का असली मकसद समझ जाऊंगी लगाव इस तरह हो गया है दूर रहना पड़ा तो टूटकर बिखर जाऊंगी करीब आने का जुगाड़ दिलो जान से करने लगी हूं दृढ़ निश्चय कर लिया है प्यार पाने को हर हद से गुजर जाऊंगी
जबसे प्यार बनकर दिल में रहने लगी हो मुकद्दर बदलने लगी है खुशियों में रहने लगा हूं जिंदगी सवरने लगी है मेरे रूह में कुछ इस तरह उतर गई हो जिसका इंतजार था ख्वाहिशों का मुकाम मिल गया है
अपने वादों से मुकरती नहीं है अड़ जाए ज़िद पर तो हटती नहीं है कितना भी कोई कर ले बहलाने फुसलाने की कोशिश अपने वजूद से फिसलती नहीं है
सब कुछ बयां कर देंगी मेरी खामोशियां तुम समझ जाओगे हर बात को मुझे एक बार मौका मिल जाने दो तरस जाओगे मुलाकात को
उसके इशारों पर चलता रहा बड़ी सादगी से मोहब्बत करता रहा उसकी तरफ से भूल जाने का फरमान आया है गहरी सोच में डूबा हुआ कैसे बेवफा हो गई अभी तक न मुझको यकीन आया है
उसके वादों पर मोहब्बत का ख्वाब देखता रहा सोचा था साथ मिल जाएगा जिंदगी बदल जाएगी इस बात का जरा भी शक हो न सका स्वार्थ सिद्ध होते ही बेवफा होकर निकल जाएगी
मुस्कुराकर बातों को टालना छोड़ दो अब बहकावे में आने वाला नहीं हूं आजकल मेरे मोहब्बत को हद से ज्यादा आजमाने लगी हो उम्र भर का रिश्ता जोड़ लो मैं अब कभी भी दूर जाने वाला नहीं हूं
प्यार में पागल कुछ इस तरह हो गया हूं जिधर देखता हूं तुम नजर आती हो स्वीकार कर लो मोहब्बत अब न जी पाऊंगा दूर रहना पड़ा तो मर जाऊंगा
कब समझोगी हालात को जिंदा रहकर भी बेजान हूं मेरे जिंदगी के सलीके कुछ यूं मोड़ दो ख्वाहिशों की कश्ती पार हो जाए