आजकल मेरा मन मुझसे शिकायत करने लगा है क्यों ख्वाहिशों का इजहार करने में देर कर रहा हूं जब मोहब्बत हो गई है दिल की बात कहने में क्यों समय बर्बाद कर रहा हूं
जबसे मोहब्बत हो गई है हर वक्त ख्वाबों खयालों में खोई रहती हूं लोग मेरे गुमसुम रहने का कारण पूछते हैं उनके बगैर जिंदगी अधूरी रह जाएगी मुझसे दिल की धड़कने कहने लगी है
मेरे करीब आने का अजब गजब का तरीका आजमाने लगी है धीरे-धीरे दिल में जगह बनाने लगी है लगता है उनसे बेतहाशा मोहब्बत हो जाएगी कुछ इस तरह अंतर्मन में समाने लगी है
हर वक्त तुझ पर पहरा रहेगा धीरे धीरे प्यार बढ़ता रहेगा ख्वाहिश है पहलू में रहकर उम्र गुजर जाए दूर रहकर जिंदा न रह पाऊंगा
तुम्हारे संग अपने जीवन का हर लम्हा जीना चाहता हूं इंतजाम कर दो कोई ख्वाहिश अधूरी न रहे रिश्तो में प्यार का जाम इस तरह खोल दो खुशियों में सारी उम्र निकल जाए
अपनी आंखों की खूबसूरत इशारों में मोहब्बत बयां कर रही हो जुबां से इजहार करने में क्यों कतरा रही हो किस बात का डर है जो अपनी चाहतों को दबा रही हो
वह प्यार भी करती रही और इंकार भी करती रही अपनी खूबसूरत अदाओं से प्यार का इजहार भी करती रही धीरे-धीरे सारे नखरे समझ में आ गए जो लंबे समय से दिल में छुपाकर रखती रही
वह रिश्तो को निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ती है अपने वादों को कभी नहीं तोड़ती है उसके अच्छे संस्कार बहुत पसंद आते हैं जबसे मिल गई है दुनिया की हर खुशी मिल गई है
अपनी ख्वाहिशों को दिल में दबाकर कब तक रखोगी हर राज खोलना पड़ेगा अकेले में सही वक्त देखकर प्यार की बातें बोलना पड़ेगा
संभलने की कोशिश करता रहा खूबसूरत अदा पर फिसल गया कुछ इस तरह मन को लुभाने लगी है आजकल उसकी तरफ खींचे जा रहा हूं अब मुझे कहीं चैन रहता नहीं है हर लम्हा यादों में जिए जा रहा हूं
मीठी मीठी बातें हजार वादा करती रही मुझसे नजरें चुराकर किसी और से भी मिलती रही बड़ी सादगी से मोहब्बत करता रहा जिसका नाजायज फायदा उठाकर धोखा देती रही