Hindi poems आजाद पंछी को बंदिशों में रखकर परेशान न करो अपने स्वार्थ के लिए नियत खराब न करो वक्त आने पर कमजोर वर्ग मददगार होगा कभी किसी को छोटा समझकर अपमान न करो
हुनर से कामयाबी मिल जाती है जिनका सौभाग्य अच्छा होता है बिगड़ी मुकद्दर सुधर जाती है
हकीकत की दहलीज पर कायम रहूंगा झूठ और फरेबी की बगावत करूंगा मुझे अच्छा संस्कार मिला है उसका सदुपयोग करता रहूंगा