मां-बाप की दुलारी बेटी, जग निर्माण करती बेटी, बगैर बेटी सूनी गलियां रह जाएंगी धरती वीरान हो जाएगी सब कुछ खत्म हो जाएगा बेटी की रक्षा, अच्छे संस्कार, अच्छी शिक्षा देना है हर बेटी की रक्षा करने का दृढ़ संकल्प लेना है
हिंदी शायरी संग्रह बेतहाशा इश्क करने लगा हूं आजकल मन मुलाकात को बेचैन रहने लगा है जिंदगी से बेरुखी दूर होने लगी है दिल प्यार की अहमियत समझने लगा है खुशियों की महफिल सजने लगी है जिंदगी सवरने लगी है नजदीकियां धीरे-धीरे बढ़ने लगी है सच कह रहा हूं अब कोई मुश्किल नहीं है अपनी खूबसूरत मुस्कान से, मेरे दिल पर ऐसा असर कर गई है धड़कनों में घर कर गई है उसके प्यार के लिए बेचैन रहने लगा हूंं तुम्हारी आंखों की मस्तियों में ढेर सारा प्यार झलकता है मुझसे दिल की बात रोक पाना मुमकिन नहीं लगता है मन चाहता है कह दूं सभी ख्वाहिशें, उम्र भर साथ रहना, मैं चाहता हूं तुम नसीब हो खुशनसीब हूं कि तुम करीब हो तुम्हारे प्यार से जिंदगी में खुशियों का माहौल रहता है कभी तन्हाई करीब आती नहीं है Shayari