जीवन में खुशियों का सवेरा हो गया-Hindi kavita sangrah

जीवन में खुशियों का सवेरा हो गया मन की चाहतों की तरह दुखों का लुप्त अंधेरा हो गया मुस्कुराते हुए दिन गुजरने लगा है मेरे प्रति गलत विचार रखने वालो की मंशा बदलने लगा है

जीवन सार्थक हो गया

जीवन सार्थक हो गया हर अरमान पूरा हो गया जिंदगी की महफिल में खुशियों का इंतजाम पूरा हो गया जबसे सही मंजिल मिल गई है मेरे तलाश का काम पूरा हो गया

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