Jab Ishq Saja ban jaaye, Dard e Dil shayari. मोहब्बत और इश्क शायरी।

Dard e Dil shayari

1. ना कोई दलील हुई ना कोई सुनवाई हुई मेरे साथ वफा के बदले बेवफाई हुई क्या बताएं खुशियों की तलाश में, मेरे हक सिर्फ तन्हाई हुई।

2. पहले जहां सुकून खुशियों की महफिल थी अब वहां तन्हाई और बेचैनी है नम आंखें सवाल पूछती है कसूर क्या है जो इस दिल को मोहब्बत का दर्द अब उम्र भर सहना है।

3. अगर कोई गलती हुई थी तो शिकायत करते मैं हर शिकवा गिला दूर करने की कोशिश जरूर करता मगर अचानक तुम तो रुख मोड़कर, हमें पूरा बर्बाद कर गए।

4. हर वक्त, हर दिन, एक नया जख्म, एक नई आह है इश्क अब सजा बन गई हैं वो बताती नहीं है की मेरा क्या गुनाह है।

5. मोहब्बत की अदालत बड़ी अजीब है यहां अक्सर वफ़ा करने वालों की सजा होती है उनका फैसला मुस्कुरा कर कबूल लिया क्योंकि इसके सिवा कोई दूजा रास्ता नहीं है आप कुछ कर नहीं सकते जब बिछड़ने में उनकी रजा होती है।