Khamoshi love story shayari
1. हर सवाल का जवाब ख़ामोशी दे रही थी कोई जिक्र-ओ-फिक्र ना चेहरे पर थी लगातार पढ़ने की कोशिश करता रहा आज बहुत गहराई मोहब्बत के लहरों में थी।
2. वो मुस्कुरा रही थी इकरार खामोशी में था लग रहा था बात बन जाएगी इजहार खामोशी में था।
3. एक तरफा प्यार बढ़ता रहा खामोशी का कोई असर ना हुआ जब भी वो मेरे सामने गुजरी खुद से ही मेरी खुद की बात हो गई और उन्हें इल्म तक ना हुआ।
4. वो अचानक खामोश हो गए अब कोई शोर न था मुझे चुप रहना ही बेहतर लग रहा था क्योंकि मेरे जज्बातों पर कोई जोर ना था।