हिंदी शायरी | लव शायरी इन हिंदी बहुत कुछ मुझसे छुपाया गया है साजिशों का जाल बिछाया गया है गुपचुप हो रहे अत्याचार का इंसाफ चाहते हैं आज फिर मुझे फसाने को गुंडो की बैठक बुलाया गया है मुलाकात न करने के उनके पास अजब गजब के बहाने हो गए गलती मेरी थी हम उनके दीवाने हो गए हर रोज अपनी आशिकी के चिथड़े उड़े जा रहे हैं कहां सुनती है वो मेरी बात अब तो उनके हर काम मनमाने हो गए
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